राहुल गांधी की नसीहत के बाद गरमायी झारखण्ड की सियासत, महागठबंधन में बढ़ सकती है खटास

रांची : झारखण्ड की सियासत में एकबार फिर खलबली मची हुई है। दरअसल, नई दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद झारखण्ड कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व तीन दिवसीय चिंतन शिविर की तैयारियों में जुट गया है। नेतरहाट में चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा। हालांकि मसानजोर में कार्यक्रम करने की भी बात कही जा रही थी।
सोरेन सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं
झारखंड विधानसभा सत्र से ठीक पहले आयोजित यह शिविर हेमंत सोरेन सरकार के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है। अचानक इस चिंतन शिविर के आयोजन के मायने निकाले जाने लगे हैं और यह माना जा रहा है कि झारखंड में कांग्रेस पहले से अधिक आक्रामक होगी। पार्टी के लिए राहत की बात यह है कि अभी तक कोई दूसरा गुट मजबूती से सामने आकर खड़ा नहीं हैं। एक-दो विधायक इधर-उधर बातें करते हैं लेकिन मौके पर चुप्पी साध लेते हैं।
सोरेन सरकार के लिए सख्ती का संदेश
नई दिल्ली में राहुल गांधी ने विधायकों से बातचीत करते हुए साफ कहा है कि पार्टी के घोषणा-पत्र से कोई समझौता नहीं होगा और यह हेमंत सोरेन सरकार के लिए एक सख्ती का संदेश है। राहुल गांधी ने कांग्रेस मंत्रियों को विधायकों और संगठन की बातों को ध्यान में रखकर निर्णय लेने की नसीहत दी है। इससे तत्काल तो कांग्रेस का अंदरूनी झगड़ा शांत पड़ गया है, लेकिन झामुमो से तल्खी बढ़ सकती है। तल्खी बढ़ने का अहम कारण होगा अब तक अनदेखी का आरोप लगा रहे विधायकों की मांगों को पूरा करना।
बोर्ड-निगमों पर नजर गड़ाए हुए हैं कांग्रेसी
कांग्रेस के कई विधायक झारखंड के बोर्ड एवं निगमों पर नजर गड़ाए हुए हैं और चिंतन शिविर के बाद उनके हाथ कुछ ना कुछ जरूर लगेगा। ऐसे भी राहुल गांधी ने यह कह कर इसके संकेत दिए हैं कि पार्टी हित के आगे किसी समझौते को नहीं मानेंगे। कांग्रेस के कई विधायक बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि बोर्ड और निगम में उन्हें वाजिब हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। संगठन इसकी पूरी सूची तैयार कर कांग्रेस मुख्यालय भेज चुका है, जहां से इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत होगी।
झामुमो बड़ा पार्टनर होने के आधार पर अधिक हिस्सेदारी जरूर लेगा लेकिन कांग्रेस अपने हक से एक कदम भी पीछे नहीं हटेगी। तमाम बातें इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं कि गठबंधन में तनातनी बढ़ सकती है। चिंतन शिविर में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय व सह प्रभारी उमंग सिंघार भी मौजूद रहेंगे। इनकी मौजूदगी में उठे मुद्दों का हल जल्द से जल्द करवाने की मशक्कत में पूरी टीम लगी है।