बिहार में 450 करोड़ रुपये का निवेश, इन 10 जिलों में लग रही 17 इथेनॉल फैक्ट्री, सबसे अधिक यहां हुआ निवेश, देखें लिस्ट

PATNA : विकास और रोजगार देने के मामले में बिहार धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। देश की 4 इथेनॉल कंपनियों (Ethanol Companies) ने प्रदेश में 450 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसके बाद सूबे का माहौल धीरे-धीरे ही सही लेकिन बदलने लगा है। फिलहाल इन कंपनियों की उत्पादन इकाइयों में ट्रायल रन चल रहा है।
बिहार में सबसे अधिक यहां हुआ निवेश
बिहार में सबसे अधिक 180 करोड़ रुपये का निवेश भोजपुर में हुआ है। बिहार डिस्टिलर्स एंड बॉटलर प्राइवेट लिमिटेड ने 200 KLPD क्षमता वाली यूनिट को तैयार किया है। इसी तरह गोपालगंज के सिधवलिया में इथेनॉल यूनिट (Ethanol Unit) में 133.25 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। मगध शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड ने गोपालगंज के सिधवलिया में 75 KLPD क्षमता वाली यूनिट (Ethanol Unit) को तैयार कर लिया है।
वहीं, गोपालगंज के राजपट्टी में सोनासती आर्गेनिक्स ने 40 करोड़ रुपये का निवेश कर 97.5 KLPD क्षमता वाली यूनिट को तैयार कर लिया है। पूर्णिया के गणेशपुर में भी इस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल प्रा. लि. ने 96.76 करोड़ रुपये का निवेश किया है। और 65 KLPD क्षमता की यूनिट का निर्माण किया है।
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10 जिलों में लग रही इथेनॉल फैक्ट्री
विदित है कि इन इथेनॉल कंपनियों के अलावा 16 अन्य इथेनॉल यूनिट ने निर्माण कार्य प्रारंभ किया है। इनमें पटेल एग्रो इंडस्ट्रीज , नालंदा, भारत ऊर्जा डिस्टलरीज, मुजफ्फरपुर, आदित्री एग्रोटेक, मधुबनी, मुजफ्फरपुर बायोफ्यूएल्स, मुजफ्फरपुर, भारत प्लस एथनाल इंडिया, बक्सर, ब्रजेंद्र कुमार बिल्डर्स, पटना, चंद्रिका पावर, नालंदा, माइक्रोमैक्स बायोफ्यूएल्स, मुजफ्फरपुर, न्यू वे होम्स एथनाल, भागलपुर व वीनस विधान एग्रोटेक मधुबनी शामिल है।
जानिए क्या मिलेगा लाभ?
आपको बता दें कि केन्द्र की मोदी सरकार पूरे देश में इथेनॉल मिश्रित इंधन से संचालित वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इससे दो लाभ मिलेंगे। पहला यह कि इथेनॉल से प्रदूषण (Pllution) कम होगा और दूसरा ये कि विदेशों से पेट्रोलियम के आयात की जरूरतों को कम किया जा सकेगा।