पटना : बिहार के डिप्टी सीएम और वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को लगातार दूसरी बार बिहार का बजट पेश किया। तारकिशोर प्रसाद ने 2022-23 में 2 लाख 37 हज़ार 691 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष यानी 2020-21 का बजट 2 लाख 18 हज़ार करोड़ रुपये का था। तारकिशोर प्रसाद ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र के एक संस्कृत श्लोक से शुरुआत की।
बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद द्वारा पेश किए गये इस नये वार्षिक बजट में 6 सूत्री एजेंडों को ऊपर रखा गया है। सरकार का कहना है कि इनपर पूरा फोकस किया जाएगा और प्रदेश का विकास किया जाएगा।
6 एजेंडों पर फोकस
प्रदेश का बजट पेश करते हुए डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि में निवेश, कृषि, ग्रामीण शहरी आधारभूत संरचना का विकास और विभिन्न वर्गों का विकास इन छह सूत्रों में इस साल के बजट को बांटा गया है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर फोकस
छह सूत्री एजेंडे में सबसे पहले स्वास्थ्य को रखा गया है। स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के साथ में कोरोना वायरस के दौर और उसके बाद राज्य में टीकाकरण से लेकर अन्य तरह के स्वास्थ्य इंतजामों को लेकर राज्य सरकार ने अपना संकल्प दिखाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार के लिए 16,134 करोड़ आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बजट का 65 प्रतिशत सामाजिक क्षेत्र में खर्च होगा।
शिक्षा पर सरकार का फोकस
बिहार सरकार के बजट में दूसरे सूत्र के स्थान पर शिक्षा को स्थान दिया गया है। राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक बार फिर अपना संकल्प दिखाती नजर आई है। डिप्टी सीएम ने एलान किया है कि शिक्षा को राज्य सरकार इस साल भी अपने बजट में प्राथमिकता देगी।
शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी। साथ ही साथ भवन ही स्कूलों को जल्द ही भवन मुहैया कराने के लिए भी हर कदम उठाया जाएगा।
उद्योग-धंधों में होगा निवेश
सरकार की प्राथमिकता सूची में तीसरे स्थान पर उद्योग और निवेश को स्थान दिया गया है। राज्य में उद्योग-धंधे का विस्तार हो और निवेशक आकर्षित हो, इसके लिए सरकार ने अपना संकल्प दिखाया है। राज्य में औद्योगिक विकास के लिए हर पहल को लेकर नीति तैयार करने और उसे जमीन पर उतारने का संकल्प तार किशोर प्रसाद में बजट में दिखा है।
कृषि पर फोकस
चौथे सेक्टर के तौर पर कृषि पर फोकस देने का ऐलान किया गया है। कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के विकास को लेकर सरकार एक बार फिर आगे बढ़ने की तैयारी में है। इसके लिए कृषि रोडमैप के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है।
सरकार ने पांचवें सूत्र के तौर पर शहरी और ग्रामीण विकास और उसकी आधारभूत संरचना को विकसित करने का संकल्प दिखाया है। शहर के साथ-साथ गांव का पूरा विकास हो इसके लिए सरकार अपनी विकास योजनाओं को रफ्तार देती रहेगी। छठे संकल्प के तौर पर सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने का एलान किया है।
तारकिशोर प्रसाद ने बजट भाषण में छठे सूत्र के तौर पर कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। इस दौरान समाज के कमजोर वर्ग के छात्रों के साथ-साथ अन्य तबके को जो कल्याणकारी योजनाओं के तहत मदद मिलती है, उसे जारी रखने की बात कही गई है।
‘नल जल योजना’ के लिए राशि आवंटित
इसके साथ ही उन्होंने सामान्य सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य का बजट आकर 2021-22 में बिहार राज्य का बजट दो लाख अठारह हजार 3 सौ दो करोड़ रुपये 70 लाख रुपये था. जो 22-23 में बढ़कर 2 लाख 37 हजार 6 सौ 51 करोड़ 19 लाख रुपया हो गया है.
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