पार्टी टूटने के बाद सहनी ने तोड़ी चुप्पी, कहा : झूठ बोल रहे हैं डॉ. संजय जायसवाल, शाह से हुई थी डील

PATNA : पार्टी टूटने के बाद वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। मीडिया से सीधे मुखातिब होते हुए मुकेश सहनी ने बीजेपी पर ताबड़तोड़ आरोपों की बारिश कर दी। मुकेश सहनी ने बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल पर मीडिया के सामने झूठ बोलने का आरोप लगाया।
“अमित शाह से हुई थी सीधी डील”
मुकेश सहनी ने दो टूक अंदाज में कहा कि दिल्ली में उनकी डील केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई थी। बिहार बीजेपी का कोई भी नेता उस कमरे के दरवाजे पर भी नहीं था।
विकासशील इंसान पार्टी के तीनों विधायकों के बगावत को लेकर मुकेश सहनी ने स्पष्ट कहा कि इस बात अंदाजा मुझे पहले से ही था कि ऐसा होने वाला है। ऐसी बात नहीं कि मुझे इसका अंदाजा नहीं था। मैं बोचहां में उपचुनाव लड़ रहा हूं। यह सीट वीआईपी MLA के निधन के बाद खाली हुई थी इसलिए इस सीट पर पहला हक़ हमारा था। ये मेरे लिए हक अधिकार और प्रतिष्ठा की बात थी।”
“झुकूंगा नहीं मैं…”
इसके साथ ही मुकेश सहनी ने ये भी कहा कि आज बंगाल और दिल्ली में निषाद को आरक्षण मिल रहा है लेकिन बिहार, यूपी और बंगाल में निषादों को आरक्षण नहीं मिल रहा है। भाजपा ने मुझे कमजोर करने की कोशिश की है। मैं उनके सामने कभी भी नहीं झुकूंगा।
मैं कंधे से कंधे मिलाकर चलने वाला हूं। इस दुनिया में कोई शहंशाह नहीं है। अभी हाल ही में चिराग पासवान की पार्टी में फूट डाली गई। उनका परिवार तोड़ा गया। इसी तरह सीएम नीतीश की पार्टी के 6 विधायकों को अरुणाचल में बीजेपी ने अपनी पार्टी में मिला लिया।
“लगाए जाएंगे कई आरोप”
मंत्री मुकेश सहनी ने आगे कहा कि “जो विधायक पार्टी छोड़कर गए हैं, वे कई आरोप लगाएंगे। हम कारोबारी तरीके से पार्टी नहीं चला रहे हैं। लंगूर अंगूर के पीछे भागता है। अंगूर मिल जाए तो ठीक है…वरना अंगूर खट्टे हैं। राजू सिंह जब विधायक बने थे, तब उन्हें मेरी और वीआईपी की विचारधारा अच्छी लगी थी लेकिन आज वो 75 तरीके के आरोप लगाएंगे।”
“झूठ बोल रहे हैं डॉ. संजय जायसवाल”
उन्होंने आगे कहा कि “कल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि ये उनके ही विधायक थे। मैं मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। नैतिकता की बात बीजेपी नेताओं के मुंह से अच्छी नहीं लगती।” उन्होंने कहा कि “दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बंद कमरे में डील हुई थी, जो भी डील हुई, वह सिर्फ हम ही दोनों को पता है। बिहार का कोई भी नेता वहां गेट तक भी नहीं गया था कि कान लगाकर सुनेंगे। अगर अमित शाह सरकार बनने के 6 महीने बाद बीजेपी में विलय वाली बात कह देंगे तो मैं भी इस बात को सच मान लूंगा।”