प्रशांत किशोर इस दिन कांग्रेस में होंगे शामिल!, सत्ता में वापसी का बताया ये तीन फॉर्मूला

NEW DELHI : सियासी गलियारे से इस वक्त एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) अब जल्द ही कांग्रेस (Congress) का दामन थामने वाले हैं। वे बीते कुछ दिनों से लगातार पार्टी को संवारने के लिए पार्टी नेताओं की मौजूदगी में लगातार प्रजेंटेशन दे रहे थे लेकिन इस बीच ख़बर आ रही है कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए तारीख़ भी मुकर्रर कर दी गई है।
प्रशांत किशोर इस दिन होंगे कांग्रेस में शामिल!
बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर यानी PK 29 अप्रैल को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पीके ने सत्ता में वापसी को लेकर 600 स्लाइड्स का प्रेजेंटेशन तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक PK (Prashant Kishor) ने अपने ब्लू प्रिंट (PK Blueprint for Congress) में पार्टी को पुराने सिद्धांतों पर लौटने, जमीनी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने और स्थायी पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने को कहा है।
पीके ने कांग्रेस को दिए गुरुमंत्र
इसके साथ ही प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कांग्रेस पार्टी को गठबंधन से जुड़े मुद्दे को सुलझाने और पार्टी के कम्युनिकेशन सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत पर भी जोर दिया है। प्रशांत किशोर ने जो प्रेजेंटेशन दिया है, उसे उन्होंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पिछले साल जून में दिया था। इसमें भारत की जनसंख्या, वोटर, विधानसभा सीटें, लोकसभा सीटों तक के आंकड़े रखे गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसान और छोटे व्यापारियों की संख्या तक का जिक्र किया है। इसमें 2024 में 13 करोड़ फर्स्ट टाइम वोटर्स पर भी फोकस किया गया है।
पीके ने बताया कैसे घटा वोट प्रतिशत
प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया है कि साल 1984 के बाद कैसे कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार घटा है। उन्होंने बताया है कि अभी कांग्रेस के राज्यसभा और लोकसभा में 90 सांसद हैं। विभिन्न विधानसभाओं में 800 विधायक हैं। कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकार है। तीन में कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ सरकार में है। वहीं, 13 राज्यों में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। 3 राज्यों में कांग्रेस सहयोगियों के साथ मुख्य विपक्षी है।
सत्ता में वापसी के 3 पीके फॉर्मूला
कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापसी के लिए प्रशांत किशोर ने तीन फॉर्मूले सुझाए हैं। पहला : एकला चलो की रणनीति यानी कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ अकेले चुनाव लड़े। दूसरा : बीजेपी और नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए सभी पार्टियों के साथ कांग्रेस पार्टी आए और UPA को मजबूत करें। तीसरा : कुछ जगहों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े और कुछ जगहों पर सहयोगियों के साथ मिलकर लड़े। इस दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी की छवि को भी बरकरार रखे।