झारखण्ड में नेताओं की संपत्ति की हो जांच, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने की न्यायिक आयोग गठन की मांग

JAMSHEDPUR : झारखंड के अलग प्रांत बने 22 साल बीत चुके हैं लेकिन यहां की जनता के जीवन में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। आज भी ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी भाई बहन पत्ता बेचकर और लकड़ी चुनकर जीवन यापन कर रहे हैं । ये कहना है अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू का, जिन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की दिशा में किसी भी सरकार ने कोई काम नहीं किया है सिर्फ और सिर्फ अपनी संपत्ति को बढ़ाया है लिहाजा उन्होंने जांच कराने की मांग की है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू की मांग
झारखण्ड के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू का कहना है कि प्रदेश की खान सचिव व भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा सिंघल मात्र एक नमूना हैं, इससे सैकड़ों गुना अधिक संपत्ति पूर्व मुख्यमंत्रियो, पूर्व मंत्रियों, पूर्व सचिव और बाकी अधिकारियों के पास है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने एक बयान जारी कर उक्त बातें कही हैं। उन्होंने कहा है कि एक न्यायिक आयोग का गठन कर 22 साल में जो भी मंत्री के पद पर हैं और जो अधिकारी पद पर हैं, सभी की जांच होनी चाहिए। उनकी संपत्ति कितनी है। अधिवक्ता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर सभी की संपत्ति और उनके कार्यकाल में किए गए घपलों की जांच कराएं।
झारखंड लोक सेवा आयोग में राज्य गठन के बाद से ही घपला हुआ है और नेताओं की मर्जी से सभी पदों पर बहाली हुई है। जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद तो जेल जरूर गए लेकिन अपने लोगों को वीडियो, सीओ, डीएसपी और लेक्चरर पद पर बहाल करवाने वाले नेता अभी जेल से बाहर हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।