महाभारत में शिखंडी का गु’प्त रहस्य उजागर, विज्ञान ने किया चौंकाने वाला खुलासा
महेश कुमार मिश्र की कलम से (फिल्म समीक्षक)

वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत का हर एक पात्र लोगों के दिलों में बसता है और उनमें से शिखंडी की चर्चा के बगैर इस महाकाव्य को पूर्ण नहीं माना जा सकता है। महारथी शिखंडी का प्रसंग सबसे रोचक माना जाता है क्योंकि उनका जन्म एक स्त्री शिखण्डिनी के रूप में हुआ।
राजा द्रुपद की इस पुत्री का मकसद सिर्फ और सिर्फ भीष्म का व’ध करना था। पहले जन्म की अम्बा जो कि पुनर्जन्म में भी प्रतिशो’ध की आ’ग से जल रही थी, एक स्त्री के रूप में पैदा हुई। भगवान शिव से मिले वरदान का ही प्रताप था कि वह स्त्री, बाद में पुरूष बनने लगी और जिसकी वजह से ही इच्छा मृ’त्यु प्राप्त भीष्म का व’ध हो सका और महाभारत का यु’द्ध पांडवों के पक्ष में रहा।
धर्मग्रंथों में पुरूष बने शिखंडी की पत्नी का भी जिक्र मिलता है। दुनिया में तमाम लोग इस प्रसंग को सिर्फ कोरी कल्पना ही मानते हैं लेकिन विज्ञान की कई खोजों में इस तथ्य की पुष्टि की है कि एक व्यक्ति जन्म से स्त्री होने के बाद पुरूष बन सकता है।
महारथी शि’खंडी का गुप्त रहस्य उजागर
ऑस्ट्रेलियाई ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘प्रीडेस्टीनेशन’ (Predestination) को देख कर ऐसा लगता है कि जैसे शिखंडी के चरित्र को ही दर्शाया गया है। एक स्त्री के रूप में पैदा लड़की एक दुर्लभ बी’मारी की वजह से पुरूष बन गयी। यह फिल्म 1959 में लिखी गयी एक शार्ट स्टोरी पर आधारित थी। फिल्म में Fantasy हो सकती है लेकिन वैज्ञानिकों ने भी शिखंडी जैसे व्यक्ति को मेडिकल रिपोर्ट के माध्यम से दुनिया के सामने तथ्यों को उजागर किया है।

फिल्मों में भी दिखता है शि’खंडी का पात्र
हम आपको बताते हैं….फ्रांस में हरक्यूलिन बार्बिन नाम की लड़की का जन्म 8 नवम्बर, 1838 को हुआ। अपने जीवन के 20 सालों तक वह एक आम लड़की की तरह रही। लेकिन ठीक 21वें साले में उसकी दाढ़ी-मूंछ उगनी शुरू हो गयी। कमर के निचले हिस्से में दर्द होने पर जब उसकी जांच डॉक्टरों ने कि तो वो भी हैरत में पड़ गये। उसके शरीर में लड़कों वाले अंग विकसित होने लगे थे।
इससे पहले सिर्फ भारतीय पौराणिक कथाओं में ही इस तरह के घटनाक्रम में शिखंडी का जिक्र है लेकिन मेडिकल साइंस में हरक्यूलिन बार्बिन पहला केस है, जिसे सरकारी रिकॉर्ड में स्त्री से पुरूष माना गया है और उसका नाम बदलकर ऐबिल बार्बिन किया गया।
मेडिकल ने प्राकृतिक लिं’ग परिवर्तन को माना है दुर्लभ बी’मारी
शिखंडिनी के शिखं’डी बनने के रहस्य पर से मेडिकल साइंस परते खोल रहा है। उन्होंने जन्म के बाद लिंग में बदलाव होने को एक अत्यंत दुर्लभ बिमारी यानि Rare Medical Condition में रखा है और इसे 5-ARD यानि 5-Alfa Reductase (रीडस्कटेस) Deficiency रखा है। इस दुर्लभ बी’मारी में एक स्वस्थ लड़की बिना किसी सर्जरी के जीवन के कुछ सालों के बाद लड़का बनने लगती है। मेडिकल साइंस की इस खोज के बाद पूरी दुनिया में ही शिखंडी जैसे व्यक्तियों के मिलने का सिलसिला जारी है।