बिहार

विजय सिन्हा ने बिहार विधानसभा स्पीकर पद से दिया इस्तीफा, अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कह दी बड़ी बातें

PATNA : इस वक्त बिहार के सियासी गलियारे से एक और बड़ी खबर आ रही है कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद से विजय सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने सदन में भावुक भाषण भी दिया। फिलहाल सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

स्पीकर विजय सिन्हा ने की भावुक बातें

सदन शुरू होते ही अपनी बात को रखने के बाद विजय सिन्हा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हें बहुमत से सदन का अध्यक्ष चुना गया था, वर्तमान सियासी हालात में बहुमत मेरे पक्ष में नहीं है इसलिए पद का त्याग करता हूं।

विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ कुछ विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, इसलिए बहुमत के आधार पर मेरा पद पर बने रहना उचित नहीं होगा। अध्यक्ष पद पर रहते हुए मैंने पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। नई सरकार के बनते ही मैं इस्तीफा दे देता लेकिन कुछ विधायकों ने मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, जो मुझे ठीक नहीं लगा। मुझे लगा कि बिना अपना पक्ष रखे हुए पद का त्याग करना सही नहीं है। मेरे खिलाफ मनमानी और ता’नाशाही का जो आ’रोप लगाया गया, वो बिल्कुल निराधार है।

छोटे से कार्यकाल में देखी ढेरों उपलब्धियां

विजय सिन्हा ने आगे कहा कि अपने छोटे से कार्यकाल में कई उपलब्धियां देखी। प्रधानमंत्री का पहली बार में बिहार विधानसभा में आना और सदन को संबोधित करना काफी प्रेरणादायक रहा। मुख्यमंत्री और वर्तमान में बिहार के उप-मुख्यमंत्री का सदन में पूरा सहयोग मिला, जो किसी से छिपा नहीं है। आम लोगों ने विधानसभा में वेबकास्टिंग के माध्यम से सदन के सभी गतिविधियों को देखा। विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, उसमें 9 में से 8 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव नियम के मुताबिक नहीं था।

नरेन्द्र नारायण यादव को दी जिम्मेदारी

सदन में अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि निष्पक्ष होकर सदन का संचालन किया। विधायिका का सम्मान बढ़े, यही इच्छा है, क्योंकि विधायिका का सम्मान बढ़ने से प्रशासनिक अराजकता खत्म होगी। सिन्हा ने आखिर में जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को आसन संभालने की जिम्मेदारी दी क्योंकि वो सबसे सीनियर सदस्य है इसलिए अधियाशी सदस्य के रूप में उन्हें नामित किया है और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विजय सिन्हा के इस निर्णय पर संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने अनुचित बताया और कहा कि चूंकि सदन के उपाध्यक्ष के रूप में महेश्वर हजारी हैं इसलिए उनका ये फैसला अनुचित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button