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गोपालगंज टू टीम इंडिया….बिहार का लाल अब 22 गज की पट्टी पर मचाएगा धमाल

SPORTS DESK : त्याग, तपस्या और समर्पण का इनाम आखिर एक और बिहार के क्रिकेटर को मिल ही गया। जी हां, बिहार के गोपालगंज का एक क्रिकेटर अब भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से 22 गज की पट्टी पर धमाल मचाएगा। ये एक ऐसा क्रिकेटर है, जिससे पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार युनूस भी काफी प्रभावित हुए थे। इस क्रिकेटर का नाम है – मुकेश कुमार, जो बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहने वाले हैं।

मां की खुशी का ठिकाना नहीं

बतौर तेज गेंदबाज अब वे साउथ अफ्रीका के खिलाफे खेले जाने वाली तीन मैचों की वन-डे सीरीज के दौरान टीम इंडिया का हिस्सा होंगे। बंगाल के तेज़ गेंदबाज़ मुकेश कुमार को भारतीय वनडे टीम में अपने चयन का पता तब चला, जब उन्हें टीम इंडिया के व्हॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया।

गोपालगंज के काकड़कुंड के रहने वाले हैं मुकेश

बतौर तेज गेंदबाज…गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की काबिलियत रखने वाले मुकेश कुमार की जिंदगी काफी गुरबत में बीती है। उनके पिता बंगाल में ऑटो चलाते थे, जिनकी बदौलत परिवार का खर्चा चलता था। अपने शुरुआती दिनों में वे खेतों में क्रिकेट खेला करते थे। उनके गांव में कोई मैदान नहीं था। मुकेश बताते हैं कि साल में दो सीजन में वे प्रैक्टिस करते थे। एक बार जब धान की फसल कट जाती थी और दूसरी बार जब गेंहूं की फसल कट जाती थी, तब वे प्रैक्टिस कर पाते थे। फिर एक एक्सीडेंट हुआ, जिसके बाद पिता ने उन्हें कोलकाता बुला लिया।

हालांकि कोलकाता जाने के बाद भी उनका क्रिकेट के प्रति जुनून खत्म नहीं हुआ बल्कि और गहरा गया।  उन्होंने लगातार प्रैक्टिस जारी रखी और बंगाल क्रिकेट टीम का हिस्सा बने। इसके बाद से लेकर टीम इंडिया का कैप पहनने तक मुकेश कुमार की मेहनत ने उन्हें एक शानदार खिलाड़ी के तौर पर स्थापित कर दिया। अब वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ देश के लिए प्रदर्शन करेंगे।

मुकेश कुमार के गांव के लोगों की माने तो वे बचपन से ही काफी प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे। वह शुरुआत में मुहल्ले के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। गोपालगंज में एक प्रतियोगिता में उन्होंने 7 मैच में 35 विकेट लिए थे। इसके बाद उन्हें जिले की टीम में जगह मिली। उन्होंने अंडर-19 टूर्नामेंट में बिहार की प्रतिनिधित्व किया था। वह आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के नेट्स बॉलर भी रह चुके हैं।

वकार यूनिस हुए थे प्रभावित

मुकेश कुमार के पिता चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंज़ूर था। सरकारी नौकरी के चलते मुकेश कुमार ने तीन बार CRPF का एग्जाम दिया लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो सका लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेटर होने की हैसियत से मुकेश कुमार कैग यानी CAG के साथ काम करते हैं। 

तेज गेंदबाज मुकेश कुमार की गेंदबाजी से पाकिस्तान के दिग्गज फास्ट बॉलर वकार युनूस काफी इंप्रेस हुए थे। दरअसल, बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने 2014 में ‘विजन 2020’ प्रोजेक्ट के लिए कैंप का आयोजन किया था। वहां 200 से 250 खिलाड़ी थे और इसमें मुकेश कुमार का चयन हुआ था। कैंप में जब उनका नाम बुलाया गया तो वह बाथरूम में थे। वह देर से पहुंचे और फिर चयनकर्ताओं को कारण बताने के बाद उन्हें गेंदबाजी करने का मौका मिला। वकार यूनिस उनकी गेंदबाजी से काफी प्रभावित हुए और उनका चयन हो गया।

मुकेश कुमार के पिता काशीनाथ सिंह का निधन पिछले साल हो गया था। इसके बाद वह पूरी तरह टूट गए थे लेकिन क्रिकेट खेलना जारी रखा। इसी साल अगस्त में उनका चयन इंडिया ए टीम के लिए हुआ था। अभी वह ईरानी कप में रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए खेल रहे थे। अभी तक 30 फर्स्ट क्लास मैच में मुकेश के नाम 109 जबकि 18 लिस्ट ए मैच 17 विकेट हैं। वह टी20 में 17 मैच में 19 विकेट ले चुके हैं।

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