महाकाल के दर्शन करते ही पिता को मिला खोया बेटा, बाबा महाकाल का आया बुलावा तो बेटा चला आया

UJJAIN : उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन करते ही एक शख्स को उसका खोया बेटा मिल गया। इसके चमत्कार कहेंगे या फिर संयोग। जी हां, ये वाकया उस वक्त हुआ, जब खोये बेटे को मिलवाने की मन्नत लेकर उत्तर प्रदेश के कासगंज का एक शख्स उज्जैन के महाकाल मंदिर में पहुंचा, जहां उसे उसका गुमशुदा बेटा मिल जाता है।
बाबा महाकाल के दर्शन करते ही हुआ चमत्कार
उज्जैन में हुए इस सुखद संयोग के दौरान पिता और बेटे का जब मिलन हुआ तो देखने वालों की आंखों से भी आंसू छलक आए। वहां मौजूद लोग इसे चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। दरअसल, 5 माह पहले मानसिक रूप से कमजोर बेटा अचानक लापता हो गया था। कहानी उत्तर प्रदेश के कासगंज के रहने वाले श्रीकृष्ण कुमार की है।

दर्शन करते ही सामने खड़ा था बेटा
श्रीकृष्ण कुमार का बेटा घर से लापता हुआ तो मिला ही नहीं। श्रीकृष्ण अपने बेटे को हर दिन कहीं न कहीं खोजते रहते थे। अपने जिगर के टुकड़े को दूर होने का बेहद गम था। पिता ने अब सबकुछ भगवान महाकाल के ऊपर छोड़ दिया था। वह महाकाल से बेटे की मिलाने की मन्नत लेकर उत्तर प्रदेश से उज्जैन तक पहुंच गए। करीब 800 किमी लंबा सफर करने के बाद जब वो महाकाल दरबार पहुंचे तो कुछ ही देर बाद उनका बेटा महाकाल परिसर में ही सामने आ गया।
महाकाल परिसर में ही बेटे को सामने पाकर पिता की आंखों से आंसू बहने लगे। बेटा भी पिता से बार-बार लिपट कर रो रहा था। उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे। वहीं, पिता रुंधे गले से अपने बेटे से बातें कर रहे थे और कह रहे थे कि बाबा महाकाल ने ही आशीर्वाद देने के लिए उज्जैन बुलाया था।
ये है पूरा मामला
ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज के रामसिंहपुरा सोरो के रहने वाले श्रीकृष्ण कुमार का है, जो कासगंज में अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं। विदित है कि 5 भाइयों और एक बहन में पंकज 17 साल का है। वे मानसिक रूप से कमजोर है। वहीं, उसके पिता श्रीकृष्ण मजदूरी करते हैं और अपने परिवार का पेट पालते हैं। श्रीकृष्ण कुमार बताते हैं कि जब पंकज छत पर सो रहा था। सुबह उठे तो बेटा नहीं था। उसे पहले तो गांव में खूब खोजा लेकिन नहीं मिला तो अलीगढ़, बरेली और दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में ढूंढा। फिर भी नहीं मिला लेकिन अब उनका लाडला उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर में मिल गया है।