Bihar Edu. minister : बिहार के शिक्षा मंत्री का वि’वादित बयान, रामचरित मानस को बताया न’फरत फै’लाने वाला ग्रंथ

Bihar Edu. minister : बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Edu. minister) प्रो. चंद्रशेखर के वि’वादि’त बयान के बाद सूबे का सियासी पा’रा ग’रमा गया है। नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समरोह में छात्रों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री (Bihar Edu. minister) ने वि’वादि’त (Chandra Shekhar Controversial statement On Ramcharitmanas) बयान दिया है और धर्मग्रंथ रामचरित मानस को समाज को बां’टने वाला ग्रंथ करा’र दिया है।
शिक्षा मंत्री का वि’वादित बयान
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री (Bihar Edu. minister) प्रो. चंद्रशेखर ने मनु स्मृति, रामचरित मानस और बंच ऑफ थॉट्स को भी न’फर’त फै’लाने वाला बताया है। उन्होंने (Bihar Education minister) कहा कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच आफ थॉट्स जैसी किताबों को ज’ला देना चाहिए। इन किताबों ने न’फर’त फै’लाई है। लोगों को सदियों पीछे ध’केलने का काम किया है।

‘अंबडेकर ने किया था प्र’तिरो’ध’
बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Edu. minister) ने ये भी कहा कि मनुस्मृति, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर लिखित ‘बंच आफ थॉट्स’ ने 85 प्रतिशत लोगों को सदियों तक पीछे रखने का काम किया है। इन्हीं वजहों से देश के राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को मं’दिरों में जाने से रो’का गया। ये ग्रंथ न’फर’त फैलाते हैं। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने इनका प्र’तिरो’ध किया था। उन्होंने मनुस्मृति को ज’लाने का काम किया था।
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उन्होंने (Bihar Edu. minister) कहा कि रामचरित मानस में लिखा गया है कि ‘अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए’। उन्होंने इसका अर्थ बताया कि नी’च जा’ति के लोग शिक्षा ग्रहण कर ज’हरी’ले हो जाते हैं, जैसे दूध पीकर सां’प हो जाता है। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे में रामचरित मानस तथा तीसरे युग में ‘बंच आफ थाट्स’ ने समाज में न’फर’त फै’लाई है। कोई भी देश न’फर’त से कभी महान नहीं बना है, देश जब भी महान बनेगा, प्यार से ही।