Neem Karoli Baba : नीम करोली बाबा की इन बातों को बांध लें गांठ…जिंदगी में हमेशा सफलता चूमेगी आपके कदम

हाइलाइट्स
Neem Karoli Baba : नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) को आखिरकार कौन नहीं जानता? उनके प्रति आस्था का सैलाब इतना बड़ा है कि उसमें हर कोई गोते लगाना चाहता है। नीम करोली बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था और वे यूपी के अकबरपुर में जन्मे थे। ऐसी मान्यता है कि वे बजरंग बली के अवतार थे।
चमत्कारी हैं नीम करोली बाबा
बताया जाता है कि मात्र 17 साल की उम्र में उन्हें (Neem Karoli Baba) ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वे एक सीधे-साधे और सरल व्यक्ति थे। उनके संबंध में कई चमत्कारिक किस्से बताए जाते हैं। उन्होंने साल 1958 में ही अपने घर को त्याग दिया था और पूरे उत्तर भारत में साधुओं की भांति घूमने लगे थे। इस दौरान उन्हें कई नामों से पुकारा जाता था। उन्हें लक्ष्मण दास तो कभी हांडी वाले बाबा…और कभी तिकोनिया वाले बाबा सहित कई नामों से जाना जाता था।
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इन बातों को बांध लें गांठ तो कभी…
आइए अब हम जानते हैं कि नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) ने किन बातों पर जोर दिया था, जिसे अगर कोई भी शख्स अपने जीवन में उतार लें और इन बातों को गांठ बांध लें तो वह हमेशा सफलता के कदम चूम सकता है। उसे कभी तनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

- नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) की माने तो कभी भी किसी को अपनी गुजरे कल यानी अतीत के बारे में नहीं बताना चाहिए। विशेषकर तब, जब किसी के साथ कुछ बुरा हुआ हो क्योंकि लोग इसका फायदा उठाने की हमेशा कोशिश करते हैं। साथ ही हमेशा आपको नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहेंगे।
- भूलकर भी कभी अपनी कमजोरी के बारे में किसी को कुछ भी न बताएं क्योंकि ऐसा करने से लोग आपका फायदा उठाएंगे। इसके साथ ही आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
- कभी भी दूसरों के सामने अपनी कमाई का जिक्र न करें। बाबा का मानना है कि ऐसा करने से लोग आपके स्तर यानी लेवल को कम आंकने लगते हैं।
- इसके साथ ही दान-पुण्य के बारे में भी किसी को कुछ भी नहीं बताना चाहिए। उनका कहना है कि ऐसा करने से दान का महत्व कम हो जाता है। साथ ही जिंदगी में हमेशा निगेटिविटी आती है।
- नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का कहना है कि लोगों को हमेशा अपने दुख की चर्चा नहीं करनी चाहिए। जो लोग हमेशा अपने दुख का रोना रोते हैं, वे कभी भी जिंदगी में सफल नहीं हो सकते। वहीं, जो लोग गुजरे कल में हुई गलतियां करते हैं और उनसे सीख लेते हैं, वे कभी उन गलतियों को नहीं दोहराते। वे जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते हैं और सफल होते हैं।
- बाबा का मानना है कि चिंता करना तो मूर्ख लोगों का काम है। जो लोग चिंतित रहते हैं, वे अपना वक्त बर्बाद करते हैं। वे कभी भी सफल नहीं हो सकते। वहीं, जो लोग चिंता में समय बर्बाद नहीं करते, उनके हमेशा सफलता कदम चूमती है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में नैनीताल के पास कैंची धाम में बाबा नीम करोली 1961 में पहली बार आए और उन्होंने अपने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया। बाद में बाबा ने इस आश्रम की स्थापना साल 1964 में की थी। कहा जाता है कि नीम करोली बाबा की समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में है। यहां अगर कोई मुराद लेकर जाएं तो वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता।