राजस्व कार्यों के निष्पादन के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी, जानिए कौन जिला रहा अव्वल और कौन फिसड्डी

PATNA : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की मई महीने की जिलों की राजस्व संबंधित कार्यों के आधार पर रैंकिंग में बांका पहले और शेखपुरा दूसरे स्थान पर बरकरार है। औरंगाबाद सातवें से इस माह तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। वहीं, तीसरे स्थान पर रहा पूर्वी चंपारण इस माह आठवें स्थान पर चला गया है।
जिलों की रैंकिंग जारी
बक्सर पांचवें से चौथे स्थान पर तो जहानाबाद चौथे से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। सीवान छलांग लगाकर दसवें से छठे स्थान पर आ गया है। अरवल छठे से सातवें तो कैमूर आठवें से नौवें स्थान पर आ गया है। समस्तीपुर जिले ने इस माह लंबी छलांग लगाई है और 21वें से 10वें पायदान पर स्थान बनाने में सफल रहा है।
मुजफ्फरपुर 12वें से 11वें, वैशाली 14वें से 12वें और भोजपुर 13वें स्थान पर बरकरार है। नालंदा 11वें से 14वें, सुपौल 16वें से 15वें, बेगूसराय अपने नौवें रैंक से इस माह 16वें स्थान पर चला गया है। मुंगेर ने लंबी छलांग लगाई है और वह 26वें से 17वें तो पूर्णिया अपने 18वें और दरभंगा 19वें स्थान पर बरकरार है। सीतामढ़ी 17वें से 20वें रैंक पर जा पहुंचा है।
जमुई 21वें, नवादा 22वें, मधुबनी 23वें, शिवहर 24वें, किशनगंज 25वें, गोपालगंज 26वें, मधेपुरा 27वें एवं पश्चिमी चंपारण इस माह 28वें स्थान पर है। गयाजी 29वें और कटिहार 30वीं रैंक पर है।
रैंकिंग का आधार
जिलों की रैंकिंग इस आधार पर की जाती है। दाखिल-खारिज का पर्यवेक्षण के आधार पर 25 अंक, परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण के लिए 25 अंक, अभियान बसेरा 2 के लिए 20 अंक, आधार सीडिंग की स्थिति पर 5 अंक, एडीएम कोर्ट- 2.5 अंक, डीसीएलआर कोर्ट- 2.5 अंक, ई-मापी के लिए 10 अंक, डीएम कोर्ट- 10 अंक निर्धारित हैं।
किस जिले को 100 में कितने अंक मिले
- बांका (77.01)
- शेखपुरा (73.86)
- औरंगाबाद (69.68)
- बक्सर (67.16)
- जहानाबाद (65.36)
- सिवान (64.95)
- अरवल (64.83)
- पूर्वी चंपारण (64.49)
- कैमूर (64.35)
- समस्तीपुर (63.28)
अंतिम 10 जिले
- गयाजी (54.25)
- कटिहार (54.04)
- सहरसा (53.80)
- खगड़िया (51.33)
- भागलपुर (51.30)
- अररिया (50.67)
- सारण (50.47)
- पटना (49.54)
- लखीसराय (49.43)
- रोहतास (46.90)
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी का कहना है कि विभाग के स्तर से राजस्व से संबंधित जिलों के प्रत्येक कार्य की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में जिलों में जाकर भी समीक्षा की शुरुआत की गई है। इससे कार्यप्रणाली में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे रैंकिंग में उतार–चढ़ाव लगातार हो रहा है। समीक्षा के क्रम में दोषी अधिकारियों की पहचान कर उनपर भी कार्रवाई होने से आमजनों के कार्यों की गति बढ़ी है। उसको और बेहतर करने की कोशिश लगातार की जा रही है।