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Gold Price Today : सोने की कीमत में बड़ी गिरावट, ट्रंप के इस एलान से बाजार में हलचल, गोल्ड खरीदने का है ये सही वक्त?

Gold Price Today: MCX Rates Drop ₹1,400 After Donald Trump Removes Import Tariff

Gold Price Today : सोने में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। 11 अगस्त 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ऐलान किया कि सोने के आयात (Gold Price Today) पर कोई टैरिफ (tariff) नहीं लगाया जाएगा। इस घोषणा के बाद भारतीय बाजार में MCX Gold Price (MCX Gold Price Today) में सीधा 1,400 रुपये की गिरावट (Gold Price Today) दर्ज हुई। 12 अगस्त को भी सोने की कीमत (Gold Price Today) लगभग 50 रुपये कम है और दिनभर की ट्रेडिंग बाकी है।

पहले US Customs and Border Protection (CBP) ने 1 किलो और 100 औंस के मानक सोने की छड़ों पर टैरिफ लगाने की संभावना जताई थी। इस फैसले (MCX Gold Price Today) से बाजार में अनिश्चितता और निवेशकों में चिंता थी। ट्रंप की इस घोषणा ने यह खतरा खत्म कर दिया, जिससे बाजार में स्थिरता लौट आयी है। इस नीतिगत बदलाव ने सीधे तौर पर सोने की ट्रेडिंग और निवेशकों की सेंटिमेंट को प्रभावित किया। बाजार में जो घबराहट टैरिफ की अफवाह से बनी थी, वह खत्म हो गई और अब निवेशक फिर से खरीदारी (MCX Gold Price Today) पर विचार कर सकते हैं।

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Gold Price Today
Gold Price Today

⦁ US Gold Futures (December Delivery) में 2.4% से 2.5% की गिरावट, कीमत $3,404-$3,407 प्रति औंस।
⦁ Spot Gold Price 1.2% घटकर $3,357-$3,358.33 प्रति औंस। (Gold Futures & Spot Gold Rates)
⦁ 8 अगस्त को US Gold Futures $3,534 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर थे। (Gold Futures & Spot Gold Rates)

यह गिरावट न सिर्फ अमेरिकी बल्कि एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी देखी गई। डॉलर की मजबूती और टैरिफ हटने की खबर ने शॉर्ट-टर्म में कीमतों को नीचे धकेला लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अस्थायी गिरावट (Gold Futures & Spot Gold Rates) है।

Gold Price Today
Gold Price Today

स्विट्जरलैंड, जो global gold refining and trading hub है, को अमेरिकी बाजार में 39% टैरिफ का खतरा था लेकिन ट्रंप के फैसले से यह जोखिम पूरी तरह टल गया। सप्लाई चेन में रुकावट की आशंका भी खत्म हो गई। गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे बड़े सोना रिफाइनिंग देशों में से एक है। अगर टैरिफ लगता तो अमेरिकी बाजार में इसकी हिस्सेदारी और एक्सपोर्ट पर बड़ा असर पड़ता। इस फैसले से उनकी ट्रेडिंग निर्बाध जारी रह सकेगी।

World Gold Council के मुताबिक 2025 की पहली तिमाही में वैश्विक सोने की खपत 1% बढ़कर 1,206 टन हो गई। यह 2016 के बाद सबसे अधिक है। Deutsche Bank का अनुमान है कि भू-राजनीतिक तनाव और central bank buying कीमतों को ऊंचा रखेंगे। भले ही टैरिफ न लगने से शॉर्ट-टर्म में कीमतें गिरी हैं लेकिन लॉन्ग-टर्म में सोना एक सुरक्षित निवेश साधन बना रहेगा। अंतरराष्ट्रीय हालात और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी इस ट्रेंड को सपोर्ट करेंगी।

Gold Exchange-Traded Funds (ETF) शेयर बाजार में खरीदे-बेचे जाते हैं। इसमें असली सोना रखने की जरूरत नहीं पड़ती। चोरी या शुद्धता को लेकर कोई खतरा नहीं है। Liquidity अच्छी रहती है यानी जरूरत पड़ने पर तुरंत बेच सकते हैं।

गोल्ड ETF निवेशकों को सोने के दाम का फायदा लेने का मौका देता है, बिना स्टोरेज या सिक्योरिटी की चिंता के। हालांकि, इसमें मामूली ब्रोकरेज शुल्क और बाजार उतार-चढ़ाव का जोखिम रहता है। निवेश से पहले बाजार की स्थिति और अपनी निवेश रणनीति पर विचार करना जरूरी है।

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