बिहार

प्रशांत किशोर को लेकर JDU सॉफ्ट ! लेकिन बीजेपी ने त’रेरी आंख, PK की एंट्री को लेकर बिहार में सियासी भू’चाल

PATNA : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) की सियासत में एंट्री की घोषणा के बाद बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है। पीके को लेकर अभी से ही बिहार के सियासी दल गोटियां फिट करने की जुगत में लग गये हैं। ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की तरफ से पीके को लेकर सॉफ्ट बयान है तो बीजेपी ने इसपर जोरदार चुटकी ली है।

पीके को लेकर जेडीयू सॉफ्ट!

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री पर जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद बिहार की सियासत गरमाती दिख रही है। उपेन्द्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने कहा है कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार से राजनीति की दोबारा शुरुआत करने की बात कही है, अच्छी बात है। जो भी राजनीति में रुचि रखता है, वैसे किसी भी शख़्स को राजनीति करने का हक है। अगर प्रशांत किशोर भी राजनीति में आ रहे हैं तो इसका स्वागत होना चाहिए, इसमें गलत क्या है।

ये भी पढ़ें : प्रशांत किशोर की सियासत में एंट्री पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान

हालांकि जब उपेन्द्र कुशवाहा से पूछा गया कि पीके और जेडीयू के बीच भविष्य में कोई तालमेल हो सकती है क्या? तो इस पर उपेन्द्र कुशवाहा ने स्पष्ट कहा कि अगर ऐसी कोई स्थिति होती है तो किसी के लिए मना थोड़े ही है। पार्टी को किसी की उपयोगिता उस समय दिखती है तो पार्टी फैसला ले सकती है। प्रशांत किशोर को लेकर भी उस वक्त पार्टी देखेगी और कोई निर्णय लेगी।

हालांकि उपेन्द्र कुशवाहा ने यह भी जोर देकर कहा कि प्रशांत किशोर तो पहले जेडीयू के साथ थे, पता नहीं तब क्यों चले गए थे। उस वक्त मैं जेडीयू में नहीं था। उस वक्त की परिस्थितियां कैसी थीं लेकिन फिलहाल PK को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

JDU के बयान पर बीजेपी ने त’रेरी आंख

वहीं, प्रशांत किशोर को लेकर सॉफ्ट दिख रही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के इस बयान के बाद बिहार बीजेपी ने आंखें त;रेरी है और चुटकी लेते हुए बड़ा बयान दिया है। नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी (Minister of Bihar Samrat Chaudhary) ने कहा कि वे (Prashant Kishor) बिहार के बेटे हैं, बिहार में आए हैं, बिहार की जनता के बीच काम करिए, जनता के बीच जाइए, अच्छी बात है। इसका स्वागत होना चाहिए लेकिन यह तो प्रशांत किशोर भी जानते होंगे कि सियासत में लंबे वक्त तक जिसने संघर्ष किया है, वही जनता का प्रिय हुआ है लेकिन सिर्फ आकर जिसने भी राजनीति की है, उसे जनता की किस तरह से नाराजगी झेलनी पड़ी है, उसे प्रशांत किशोर भी जानते होंगे। वे बिहार के हमारे भाई है लिहाजा आकर जरूर काम करें।

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