• 121 अरब डॉलर के ‘ग्लोबल टेलीकॉम टेक्नोलॉजी मार्किट’ पर जियो की नजर
• जियो की पेटेंट फाइलिंग्स में 13 गुना और पेटेंट ग्रांट्स में 4 गुना की बढ़ोतरी
• 5G और 6G के अंतरराष्ट्रीय मानकों के विकास में जियो का योगदान सात गुना बढ़ा
• दिसंबर 2026 तक 180 बिलियन डॉलर होगी जियो की एंटरप्राइज़ वैल्यू- जेफरीज़
Jio 5G Technology : रिलायंस जियो प्लेटफ़ॉर्म्स अब अपनी उन्नत 5G तकनीक के ज़रिए वैश्विक स्तर पर विस्तार की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने मोबाइल और होम ब्रॉडबैंड दोनों क्षेत्रों में संपूर्ण 5G सॉल्युशंस विकसित कर लिए हैं। जिनमें ओपन RAN आधारित रेडियो, नेटवर्क कोर, क्लाउड-नेटिव OSS/BSS सिस्टम और AI आधारित ऑटोमेशन प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं। होम ब्रॉडबैंड में जियो की ‘Air Fiber’ तकनीक भी झंडे गाड़ रही है। प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म जेफरीज़ की रिपोर्ट में यह बात सामने आई।

Jio 5G Technology : मेड इन इंडिया की बढ़ेगी धमक
रिपोर्ट में बताया गया है कि जियो के किफायती और स्केलेबल 5जी सॉल्युशंस दुनिया के 121 अरब डॉलर के ‘टेलीकॉम टेक्नोलॉजी मार्किट’ में उसे बड़ी बढ़त दिला सकते हैं। अभी दुनिया भर में 5G नेटवर्क कवरेज़ काफी कम है खासकर विकासशील देशों में, दूसरी तरफ बाजार में कुछ बड़ी मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनियां ही नेटवर्क हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सप्लाई करती हैं। जेफरीज़ का मानना है कि अगर इन परिस्थितियों में जियो वैश्विक मार्किट में उतरता है तो उसके ओपन आर्किटेक्चर आधारित सॉफ्टवेयर मॉडल से लागत घटेगी और इसका सीधा फायदा विकासशील देशों तक पहुंच बनाने में मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक जियो के पास अपनी तकनीक को विदेशों में बेचकर पैसा कमाने के शानदार अवसर हैं।

पिछले कई वर्षों से जियो टेक्नोलॉजी में खासा निवेश कर रही है। उसके पेटेंट फाइलिंग्स में 13 गुना और पेटेंट ग्रांट्स में 4 गुना की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही 5G और 6G के अंतरराष्ट्रीय मानकों के विकास में जियो का योगदान सात गुना बढ़ा है। जेफरीज़ का मानना है कि मोबाइल टैरिफ में वृद्धि, होम ब्रॉडबैंड के विस्तार और टेक्नोलॉजी के वैश्विक निर्यात से जियो आने वाले वर्षों में मज़बूत विकास की राह पर है। ब्रोकरेज हाउस ने दिसंबर 2026 तक जियो का एंटरप्राइज़ वैल्यू 180 अरब डॉलर होने की उम्मीद जताई है।
