Bihar Education : ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ की सख्ती का दिखने लगा असर, इस स्कूल में पायी गई भारी गड़बड़ी, खुली पोल तो मचा हड़कंप
Bihar Education : बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education) की सख्ती और अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के एक्शन की वजह से अब स्कूलों में बरती जा रही अनियमितता की पोल खुलने लगी है। जी हां, बिहार के सुपौल जिले में हरिपुर स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कार्यालय से जारी आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार इस विद्यालय (Bihar Education) में छात्रों की उपस्थिति के आंकड़े और मध्याह्न भोजन वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार 12 दिसंबर 2024 को अपर मुख्य सचिव के वीडियोकॉल और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर विद्यालय की गतिविधियों का औचक अवलोकन किया गया। इस दौरान मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित कई खामियों का खुलासा हुआ।
क्या-क्या अनियमितताएं पाई गईं?
फर्जी उपस्थिति दर्ज की गई :
हरिपुर के उच्च माध्यमिक विद्यालय (Bihar Education) में 525 छात्रों का नामांकन है। निरीक्षण के दिन केवल 116 छात्र ही स्कूल में मौजूद थे लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में इसे तीन गुना अधिक यानी 352 दर्ज किया गया। इसके साथ ही अलग-अलग दिन 365, और 367 जैसी उच्च संख्या में दर्ज किया गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि मध्याह्न भोजन योजना की राशि और संसाधनों का दुरुपयोग किया गया।
भोजन वितरण में देरी
मध्याह्न भोजन योजना के तहत समय पर भोजन नहीं वितरित किया गया। यह बच्चों के पोषण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
सुविधाओं का अभाव
बच्चों को भोजन करने के लिए न तो उचित बैठने की व्यवस्था थी और न ही दरी और चटाई की व्यवस्था थी।
गुणवत्ता की अनदेखी:
भोजन की गुणवत्ता और इसके वितरण की निगरानी को लेकर कोई ठोस प्रक्रिया नहीं पायी गई।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की कार्रवाई Bihar Education
सुपौल जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने हरिपुर स्कूल के प्रधानाध्यापक से 24 घंटे के भीतर इन खामियों पर स्पष्टीकरण देने को कहा है। साथ ही बीते तीन महीने की अभिप्रमाणित दैनिक व्यय पंजी, चखना पंजी और अभिश्रव की प्रति 24 घंटे के अंदर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही क्यों न आपसे मध्याह्न भोजन योजना दुरुपयोग की गई राशि और खाद्यान्न की राशि वसूल की जाए।