बिहार

BPSC TRE : नवनियुक्त शिक्षकों के लिए बेहद जरूरी सूचना, आ गया KK Pathak का एक और फरमान, नये टीचर्स को करना होगा ये काम, नहीं तो…

BPSC TRE : हाल के दिनों में भर्ती हुए लगभग 1 लाख शिक्षकों (BPSC TRE) के लिए जरूरी इंफॉर्मेशन में शिक्षा विभाग ने जारी किया है। शिक्षा विभाग ने इन टीचर्स के लिए फिर से सत्यापन कराने का आदेश जारी किया है।

बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग (BPSC TRE) को इस संबंध में शिकायत मिली थी कि प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले और नियुक्ति लेने वाले उम्मीदवार अलग-अलग थे, जिसके बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है। इस सिलसिले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को लिखे पत्र में 15 जनवरी से फिर से सत्यापन अभियान चलाने का आदेश दिया है।

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इस पत्र में विसंगतियों के लिए नवंबर में ‘काउंसिलिंग’ के समय प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान शिक्षा विभाग (BPSC TRE) के साथ साझा करने में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के ‘‘विफल’’ रहने को जिम्मेदार ठहराया गया है।

इस फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग (BPSC TRE) ने हाल ही में चयनित हुए चार हजार शिक्षकों को औचक रूप से पुन: सत्यापन के लिए बुलाया था। इस दौरान यह पता लगाया गया कि प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने वाले अभ्यर्थी और नियुक्ति पाने वाले व्यक्ति समान हैं या नहीं।

इस प्रक्रिया में विभाग ने तीन धोखेबाजों की पहचान की। इसके अलावा तीन ऐसे शिक्षक पहचाने गये, जो नियुक्ति लेने के बाद फरार हो गये। विभाग ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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बिहार सरकार ने इस साल 2 नवंबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-एक) पास करने वाले 1,20,336 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए थे। आयोग ने हाल ही में राज्य में विभिन्न विषयों के शिक्षकों के कुल 86,557 पदों को भरने के लिए टीआरई-दो के परिणाम भी घोषित किए हैं।

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर कहा है कि ‘‘सभी डीएम को सलाह दी जाती है कि वे नवनियुक्त शिक्षकों (टीआरई-एक के) को पुन: सत्यापन के लिए अलग-अलग समूह में बांटकर बुलाएं और प्रवेश परीक्षा के समय आयोग द्वारा लिये गये अंगूठे के निशान के साथ उनके अंगूठे के निशान का मिलान करें। जिस स्कूल में शिक्षक कार्यरत हैं, उसके प्रधानाध्यापक भी उनके साथ आएंगे। अगर अंगूठे के निशान के मिलान के दौरान गड़बड़ी पायी जाती हैं तो उनके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

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पत्र में कहा गया, पुनः सत्यापन अभियान के दौरान सभी चयनित अभ्यर्थियों के आधार कार्ड के पुराने रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी। अक्सर देखा गया है कि धोखेबाज पकड़े जाने से बचने के लिए आधार कार्ड में बदलाव करवा लेते हैं।

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