बिहार

तेजस्वी यादव की बढ़ी मुश्किलें, ज’मानत रद्द करने के लिए CBI ने कोर्ट में दी अर्जी


NEW DELHI : इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मु’श्किलें बढ़ सकती है। या यूं कहें कि वे बड़ी मु’सीबत में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल, CBI ने तेजस्वी यादव की ज’मानत रद्द करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। अदालत ने अगर CBI की अर्जी मंजूर कर ली तो फिर तेजस्वी यादव को जे’ल जाना पड़ सकता है।

मुश्किल में तेजस्वी यादव

CBI की अर्जी के बाद सीबीआई की स्पेशल जज गीतांजली गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने तेजस्वी से जवाब मांगा है कि क्यों नहीं उनकी ज’मानत रद्द कर दी जाए। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने IRCTC घो’टाले में तेजस्वी की ज’मानत रद्द करने के लिए याचिका दायर की है।

विदित है कि IRCTC टेंडर घो’टाला मामले में तेजस्वी 2018 से जमानत पर हैं। सीबीआई तेजस्वी यादव समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 420, 120बी और भ्र’ष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धा’राओं के तहत आ’रोप-पत्र दाखिल कर चुकी है। इन धाराओं में तेजस्वी के लिए काफी मु’श्किल खड़ी हो सकती है।

कोर्ट में इस मामले के ट्रायल के दौरान पर्याप्त सबूत और गवाह सामने आते हैं तो तेजस्वी यादव को 7 साल तक की स’जा हो सकती है। फिलहाल 2018 से वे इस मामले में ज’मानत पर चल रहे हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने IRCTC घो’टाले में तेजस्वी के साथ-साथ उनकी मां राबड़ी देवी को जमानत दी थी।

क्या है IRCTC घो’टाला

सीबीआई ने IRCTC घो’टाला में 14 लोगों के खिलाफ चा’र्जशीट फाइल की है। इस मामले में पहले से ही 8 लोगों के नाम दर्ज थे, जिसमें 6 अन्य नाम भी जोड़े गए हैं। IRCTC घो’टाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव का नाम भी शामिल है। तेजस्वी यादव के खिलाफ पहली बार चार्जशीट फाइल की गई है।

क्या है पूरा मामला?

ये पूरा मामला तब का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे। तब यानी 2004 से 2009 के बीच IRCTC के पुरी और रांची स्थित होटल को रख-रखाव और इम्प्रूवमेंट के लिए को ट्रांसफर किया था। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे के होटल को लीज पर देने का ठेका विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिए गए थे। टेंडर प्रॉसेस में नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया था।

सीबीआई का आरोप है कि रेलवे के होटल लेने के लिए 25 फरवरी 2005 को कोचर ने पटना की बेली रोड स्थित 3 एकड़ जमीन लालू परिवार के करीबी प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (डीएमसीएल) को 1.47 करोड़ रुपए में बेच दी जबकि बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा थी। इस जमीन को कृषि भूमि बताकर सर्किल रेट से काफी कम पर बेचा गया और स्टांप ड्यूटी में भी काफी गड़बड़ी की गई।

CBI कह रही है कि बाद में इसी जमीन को लालू फैमिली की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दी गई जबकि सर्किल रेट के मुताबिक उस समय इस जमीन की कीमत लगभग 32 करोड़ रुपये औऱ मार्केट रेट 94 करोड़ रुपए था। CBI ने कहा है कि कोचर ने जिस दिन ज़मीन सरला गुप्ता की कंपनी को बेची, उसी दिन रेलवे बोर्ड ने IRCTC को उसे बीएनआर होटल्स सौंपे जाने के अपने फैसले के बारे में बताया।

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