विधायक सरयू राय की बढ़ गई मुश्किलें, डोरंडा थाना में मामला हुआ दर्ज
RANCHI : बड़ी खबर झारखण्ड से आ रही है, जहां विधायक सरयू राय (Saryu Rai) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, MLA सरयू राय के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव ने डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। विधायक के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
बढ़ गई सरयू राय की मुश्किलें
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद नजदीकी रहे पूर्व मंत्री सरयू राय पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर रांची के डोरंडा थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता भंग करने के संगीन आरोप लगाए हैं।
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झारखण्ड की सियासत में गरमाहट
इससे पहले बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर जमशेदपुर की अदालत में कोराना प्रोत्साहन राशि में घोटाला करने के मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है। विधायक सरयू राय के विरुद्ध डोरंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी में ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन की शिकायत की गई है। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कोरोना प्रोत्साहन राशि में अनियमितता के आरोप से जुड़ा है।
मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से पूर्व में ही इस एक्ट के तहत सरयू राय के विरुद्ध कार्रवाई करने की सख्त चेतावनी दी गई थी। तब बन्ना ने सरयू को यह बताने को कहा था कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कोरोना प्रोत्साहन राशि से संबंधित दस्तावेज किस माध्यम से लेकर मीडिया को जारी किए थे। इसके बाद भी सरयू राय ने अपने सूत्रों का खुलासा नहीं किया। जिस पर सरयू राय ने और नए दस्तावेज जारी कर कोरोना प्रोत्साहन राशि के अकाउंट ट्रांसफर डिटेल तक की तमाम जानकारी का खुलासा किया था।
बदलने लगे सियासत के रंग
बहरहाल, अब FIR के बाद हेमंत सोरेन सरकार की ओर से सरयू राय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रबल संकेत मिलते ही पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है। सरयू राय एक बार फिर से मंत्री बन्ना गुप्ता और सरकार पर आक्रामक हैं। बीते दिनों ही उन्होंने इशारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खदान लीज मामले में लपेटते हुए कहा था कि आखिर वे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को मोमेंटम झारखंड, मैनहर्ट व अन्य घोटालों से जुड़े मामले में क्लीन चिट क्यों नहीं दे देते।
अब हेमंत सोरेन सरकार के कैबिनेट मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर सरयू राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद सियासत के और रंग बदलने के आसार हैं। हालांकि, सरयू राय ने खदान लीज मामले में हेमंत सोरेन का बचाव करते हुए कहा था कि यह मामला प्याले में तूफान लाने जैसा है। उन्होंने इसे आचार संहिता, कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन बताया। लेकिन सरयू राय ने इस मामले में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर खतरा जैसी किसी बात से इन्कार किया है।