झारखण्ड

सोरेन सरकार को लगा बड़ा झ’टका, गवर्नर ने लौटाया झारखण्ड उत्पाद संशोधन विधेयक, गरमायी सियासत

RANCHI : झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार को बड़ा झटका लगा है। गवर्नर रमेश बैस ने झारखण्ड विधानसभा से पारित एक और बिल झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक – 2022 को सरकार को लौटाते हुए उसके प्रावधानों में संशोधन करने को कहा है।

नहीं थम रहा राजभवन-सोरेन सरकार के बीच ट’कराव

झारखण्ड में राजभवन और सोरेन सरकार के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में लागू प्रावधानों की समीक्षा के बाद फैसला ले। साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को भी जरूरी बताया।

वहीं, राज्यपाल द्वारा विधेयक लौटाए जाने के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है। सत्ताधारी दल झामुमो ने राज्यपाल के फ़ैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजभवन के इस फैसले से सियासत की बू आती है। एक लोकप्रिय सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और तो और आश्चर्य तब होता है, जब सरकार को बदनाम करने की साजिश में राजभवन भी शामिल हो जाता है।

गरमायी सूबे की सियासत

वहीं, इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस का कहना है कि सिर्फ़ उत्पाद विधेयक नहीं, इससे पहले भी कई विधेयक को लौटाया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि राजभवन राज्य सरकार को बदनाम करना चाहता है और जनता के बीच ये संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि सरकार जनता के मुद्दों पर गंभीर नहीं है।

वहीं, बीजेपी ने सत्ताधारी दल के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। ये उनका दायित्व होता है कि कोई भी क़ानून बन रहा है या उसमें संशोधन हो रहा है तो ये विधि सम्मत है कि नहीं। रही बात उत्पाद संशोधन विधेयक की तो इसमें राज्यपाल को सबसे बड़ी आपत्ति इस बात को लेकर है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर सिर्फ़ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई होती है न कि बड़े अधिकारी और न ही टेंडर लेने वाले पर कोई कार्रवाई की जाती है।

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