Anand Mohan : आनंद मोहन की रिहाई पर खुलकर बोले पप्पू यादव, जी. कृष्णैया की पत्नी से कही ये बात
Anand Mohan : IAS अफसर और गोपालगंज के DM रहे जी. कृष्णैया मर्डरकेस में दोषी बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार की सियासत गरमायी हुई है।
हाइलाइट्स
Anand Mohan : IAS अफसर और गोपालगंज के DM रहे जी. कृष्णैया मर्डरकेस में दोषी बाहुबली नेता आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई को लेकर बिहार की सियासत गरमायी हुई है। इस पूरे मामले पर IAS एसोसिएशन द्वारा आलोचना किए जाने के बाद अब पप्पू यादव ने मोर्चा संभाला है और खुलकर आनंद मोहन का समर्थन किया है।
आनंद मोहन के समर्थन में पप्पू यादव
जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने IAS एसोसिएशन से सवाल पूछा है कि क्या ये पहला मर्डर है, जो इतना हायतौबा मचा है। पप्पू यादव ने कहा कि ये एक घटना घटी थी और हादसा हो गया था। आनंद मोहन (Anand Mohan) 14 साल सजा काटने के बाद बाहर आ रहे हैं। IAS एसोसिएशन को ये बताना चाहिए कि क्या ये पहला मर्डर है? जो इतना हायतौबा मचाए हुए हैं।
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पप्पू यादव की जी. कृष्णैया की पत्नी से अपील
इसके साथ ही पप्पू यादव ने गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की पत्नी से अपील की है कि उन्हें आनंद मोहन (Anand Mohan) को माफ कर देना चाहिए। गौरतलब है कि तेलंगाना में जन्मे IAS अफसर जी. कृष्णैया अनुसूचित जाति से थे। वे साल 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे, तभी भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप था कि डीएम की हत्या करने वाली भीड़ को बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) ने ही उकसाया था। इस मामले में पुलिस ने आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद समेत 6 लोगों को नामजद किया था।
आखिर क्यों मचा है बवाल?
बाद में जी. कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन (Anand Mohan) को सजा हुई थी। साल 2007 में उन्हें फांसी की सजा सुनायी गई थी। बाद में 2008 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव कर जेल से रिहा करने जा रही है।
गौरतलब है कि 14 साल की सजा काट चुके आनंद मोहन की तय नियमों की वजह से रिहाई संभव नहीं थी लिहाजा ऑन ड्यूटी सरकारी सेवक का मर्डर अब अपवाद की कैटेगरी से हटा दिया गया है। इस संबंध में सरकार ने 10 अप्रैल को ही अधिसूचना जारी कर दी थी।
IAS एसोसिएशन ने किया विरोध
विदित है कि इस पूरे मामले पर IAS एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा था कि आनंद मोहन ने आईएएस जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी। ऐसे में ये दुखद है। बिहार सरकार को जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लेना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो ये न्याय से वंचित करने के समान है। इस तरह के फैसलों से सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है। हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि बिहार सरकार जल्द से जल्द इसपर पुनर्विचार करे।