बिहार

Upendra Kushwaha : उपेन्द्र कुशवाहा ने खेला ‘अति पि’छड़ा कार्ड’, चल दिया बड़ा सियासी दांव

Upendra Kushwaha : JDU में रहकर अब उपेन्द्र कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार पर ह'मलाव'र रूख अख्तियार कर रहे हैं। सियासी पंडितों के मुताबिक वे सधी हुई चाल चल रहे हैं।

Upendra Kushwaha : बिहार में इनदिनों सियासी पारा चरम पर है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Upendra Kushwaha) पर तीखे वार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को भी उपेन्द्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश (CM Nitish) के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘अति पि’छड़ा कार्ड’ खेल दिया।

उपेन्द्र कुशवाहा ने खेला अति पिछड़ा कार्ड

पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि जेडीयू (JDU) लगातार अति पिछड़ा वर्ग को वो अधिकार नहीं दे रही है, जिसकी सियासी मंचों से लगातार बातें की जाती हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में लगातार कहता रहा हूं कि जेडीयू में जो एक्टिव नेता हो, जो अति पिछड़ा समाज से आता हो, पार्टी उसे बड़ी जिम्मेदारी दे ताकि अति पिछड़ा समाज के लोग खुद को जेडीयू से जुड़ाव महसूस कर सकें।

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प्रेस को संबोधित करते उपेन्द्र कुशवाहा

मेरे सुझाव को किया गया नजरअंदाज

उन्होंने दो टूक अंदाज (Upendra Kushwaha) में कहा कि लीडरशिप बनायी जाती है लेकिन मेरे किसी भी सुझाव को नहीं माना गया और लगातार नजरंदाज किया गया। उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने भोजपुर में उनके काफिले पर हुए हमले को लेकर कहा कि प्रारंभिक जांच में स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि मेरे ऊपर हमला ही नहीं हुआ है जबकि इसका सबूत मेरे पास मौजूद है। उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने जगदीशपुर के नयका टोला के पास हुए हमले का वीडियो मीडिया को दिखाते हुए डीजीपी और मुख्य सचिव से हाईलेवल की जांच कराने की मांग की।

इसके साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर झुनझुना थमाया गया है। संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष होने के बाद भी मुझे कोई पावर नहीं दिया गया कि किसी भी सदस्य का मनोनयन कर सकूं। मुझे कोई अधिकार ही नहीं दिया गया।

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हाल के दिनों में बिहार में हुए उपचुनाव और MLC चुनाव में मुझसे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष होने के नाते कोई सुझाव नहीं लिया गया। अगर मैंनें सुझाव दिया तो उसपर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Upendra Kushwaha) ही बताएं कि आखिर मुझे पार्टी में कैसी इज्जत मिली।

UPENDRA KUSHWAHA
उपेन्द्र कुशवाहा

समझाया हिस्सेदारी का मतलब

वहीं, MLC बनाए जाने पर उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने दो टूक शब्दों में कहा कि मैं कोई सरकारी नौकरी नहीं कर रहा हूं बल्कि राजनीति कर रहा हूं। मुझे MLC बनाकर लॉलीपॉप थमाया गया। केन्द्र सरकार में मंत्री का पद छोड़ने में एक सेकेंड मुझे नहीं लगा तो MLC का पद कौन सी बड़ी चीज है। मुख्यमंत्री को लगता है तो वे वापस ले सकते हैं।

इसके साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने एकबार फिर अपनी हिस्सेदारी मांगी और कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जैसे लालू प्रसाद (Lalu Prasad) से गांधी मैदान में हुई रैली के दौरान हिस्सा मांगा था, वहीं हिस्सा मैं नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मांग रहा हूं। वे अपनी हिस्सेदारी पर आज भी कायम हैं। मैं आज भी पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहा हूं।

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