मोरिंगा-कुक्कुट एकीकृत खेती पर मंत्री गिरिराज सिंह का जोर, ICAR DPR में इकाई का उद्घाटन
हैदराबाद : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने “मोरिंगा और कुक्कुट की एकीकृत कृषि इकाई का उद्घाटन किया। भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद वैज्ञानिकों और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में नई इकाई का उद्घाटन किया गया।
मोरिंगा-कुक्कुट खेती पर गिरिराज सिंह का जोर
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने डीपीआर हैदराबाद में नव विकसित सुविधा का निरीक्षण किया और इसके प्रयासों की सराहना की। मोरिंगा और कुक्कुट की एकीकृत खेती के लाभ पर जोर देते हुए मंत्री ने युवाओं को इस मॉडल के जरिये लाभ अर्जित करने की प्रेरणा दी। कुक्कुट निदेशालय में विकसित उन्नत चिकन जर्म प्लाज्म की भी मंत्री ने सराहना की।
डीपीआर हैदराबाद के निदेश डॉ. आरएन चटर्जी ने बताया कि उनके वैज्ञानिकों की टीम उन्नत प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए लगातार शोध कर रहे हैं। ताकि ग्रामीण कुक्कुट किसानों को इसका सीधा फायदा मिल सके।
कुक्कुट की उन्नत खेती के जरिये गरीब परिवारों को अतिरिक्त आय प्रदान करने और ग्रामीण इलाकों में कुपोषण की समस्या कम करने पर जोर दिया गया। खासकर मोरिंगा और कुक्कुट की एकीकृत खेती के जरिये भूमिहीन किसानों को भी इस मॉडल से लाभ होने की बात कही गई।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मक्का और सोयाबीन जैसे मानव भोजन के लिए फ़ीड लागत और प्रतिस्पर्धात्मकता को कम करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को स्टार्ट-अप के माध्यम से इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने मोरिंगा फेड चिकन की ब्रांडिंग और मार्केटिंग की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया। साथ ही उद्यमिता विकास के लिए कम लागत वाला मॉडल विकसित करने का सुझाव दिया।
मोरिंगा और बैकयार्ड पोल्ट्री के साथ एकीकृत कृषि प्रणाली में फ्री रेंज सिस्टम के तहत लगभग 200 अंडे देने में सक्षम किस्म के विकास की बात कही गई। इस मौके पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि, डॉ जी नरेंद्र कुमार, आईएएस, महानिदेशक एनआरआईडीपीआर ने कुक्कुट निदेशालय की गतिविधियों की सराहना की और सहयोग का सुझाव दिया।
इससे पहले डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक आईसीएआर-डीपीआर ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और संस्थान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री की गरीब किसानों की आय बढ़ाने की चिंता के तहत शोध विकसित करने की अन्य वैज्ञानिकों को सलाह दी। कार्यक्रम में एनआईआरडी और पीआर, तेलंगाना राज्य सरकार के अधिकारी सहित वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने शिरकत की।