Old Pension Scheme : सरकारी कर्मचारियों को मिल सकती है खुशखबरी, पुरानी पेंशन योजना की मांग पर सरकार का बड़ा एलान

Old Pension Scheme : देश में पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) और नई पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) को लेकर खींचतान बढ़ गई है। केन्द्र और प्रदेश सरकारों के कर्मियों की तरफ से लगातार पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बहाल करने की मांग की जा रही है। हालांकि, इन सबके बीच केन्द्र ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर अपना रूख स्पष्ट कर दिया है।
पुरानी पेंशन योजना पर बोली सरकार
इस पूरे मामले पर शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने सरकारी कर्मियों के लिए पेंशन से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने (Nirmala Sitaraman) कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी जाएगी। यही कमेटी नई पेंशन स्कीम की समीक्षा करेगी।
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“वापसी का कोई प्लान नहीं”
सूत्रों के मुताबिक सरकार का पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) पर वापसी का कोई प्लान नहीं है। इस फैसले से प्रदेशों के OPS के फैसले पर भी असर पड़ेगा। गौरतलब है कि राजस्थान, झारखण्ड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ की सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है।
विदित है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश किया और हंगामे के बीच ही इस पर वोटिंग हुई। लोकसभा में फाइनेंस बिल का पास करा लिया गया। आपको बता दें कि देशभर में 1 जनवरी 2004 से NPS यानी न्यू पेंशन स्कीम लागू है। दोनों पेंशन स्कीम के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान।

जानिए दोनों स्कीम में क्या है अंतर
पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है क्योंकि पुरानी स्कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक होता है। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना में पेंशन के लिए कर्मियों के वेतन से कोई पैसा कटने का प्रावधान नहीं है।
पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) में भुगतान सरकार के ट्रेजरी के जरिए होता है। विशेष बात ये है कि पुरानी पेंशन योजना में हर 6 महीने बाद मिलने वाला DA का प्रावधान है यानी जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो इससे पेंशन में इजाफा होता है।
नई पेंशन स्कीम का निर्धारण कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न के मुताबिक होता है। इसमें कर्मचारी का योगदान उसकी बेसिक सैलरी और DA का 10 प्रतिशत कर्मचारियों को प्राप्त होता है। इतना ही योगदान प्रदेश सरकार भी देती है। 1 मई 2009 से NPS सभी के लिए लागू की गई।

पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) में कर्मियों की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी। NPS में कर्मियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है। पुरानी पेंशन योजना में GPF की सुविधा होती थी लेकिन नई स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं है।
पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) में सेवानिवृत्ति के वक्त की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से होता है। वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है।
नई पेंशन योजना पर रिटर्न अच्छा रहा तो प्रोविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्त अच्छा पैसा मिल सकता है क्योंकि ये शेयर बाजार पर निर्भर रहता है लेकिन कम रिटर्न की स्थिति में फंड कम भी हो सकता है।