Shiv Sena : उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, शिंदे गुट को मिला शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न
Shiv Sena : उद्धव ठाकरे को बड़ा झ'टका लगा है। शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान अब उद्धव ठाकरे से छिन गया है, अब ये शिंदे को मिल गया है।

Shiv Sena : महाराष्ट्र की सियासत से बड़ी खबर आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झ’टका लगा है। शिवसेना (Shiv Sena) का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान अब उद्धव ठाकरे से छिन गया है। अब ये चुनाव चिह्न और पार्टी का नाम एकनाथ शिंदे को सौंप दिया गया है।
चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
शिवसेना (Shiv Sena) के नाम और पार्टी चुनाव चिह्न को लेकर इलेक्शन कमीशन ने आज बड़ा फैसला दिया है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंद गुट को पार्टी का नाम शिवसेना (Shiv Sena) और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान सौंप दिया है। इस खबर के सामने आने के बाद अब महाराष्ट्र की सियासत में भू’चाल आ गया है।
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चुनाव आयोग ने कहा कि शिवसेना (Shiv Sena) का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करना विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी संरचनाएं विश्वास पैदा करने में विफल रहती हैं।


नहीं दिया गया शिवसेना का संविधान
चुनाव आयोग ने पाया कि 2018 में संशोधित शिवसेना का संविधान भारत के चुनाव आयोग को नहीं दिया गया। 1999 के पार्टी संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को पेश करने के अधिनियम को संशोधनों ने रद्द कर दिया था, जिसे आयोग के आग्रह पर दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा लाया गया था। आयोग ने यह भी कहा कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिन्हें 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गुप्त तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी एक जागीर के समान हो गई।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि पिछले साल जब एकनाथ शिंदे ने त’ख्ताप’लट किया था तो पार्टी में दो गुट साफ तौर पर बन हये थे। शिंदे गुट की ब’गावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।
इस सियासी टकराव के बाद उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट आमने-सामने आ गये थे, जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था। इसके बाद ही दोनों गुट शिवसेना के नाम और पार्टी के चुनाव चिह्न तीर-कमान को लेकर इलेक्शन कमीशन का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया है।