Bhukamp ke Jhatke : भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, घर से बाहर निकले सहमे लोग
Bhukamp ke Jhatke : बुधवार को एकबार फिर भूकं'प के ते'ज झ'टके महसूस किए गये हैं। भूकं'प के झ'टकों के बाद लोग प'रेशा'न हो गये।
Bhukamp ke Jhatke : बुधवार को एकबार फिर भूकं’प के ते’ज झ’टके (Bhukamp ke Jhatke) महसूस किए गये हैं। भूकं’प के झ’टकों के बाद लोग प’रेशा’न हो गये और फिर अपने-अपने घरों से निकलकर बाहर सुरक्षित स्थानों पर चले गये। बताया जा रहा है कि भूकं’प 1 बजकर 45 मिनट पर आया है और भूकं’प की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई है।
तेज झ’टके किए गये महसूस
नेपाल के बाजुरा में भूकं’प के तेज झ’टके (Bhukamp ke Jhatke) महसूस किए गये हैं। नेपाल के साथ-साथ दिल्ली NCR में भी धरती हिली है और भूकं’प के झ’टके महसूस किए गये हैं। भूकं’प का केन्द्र नेपाल था। हालांकि अभी तक किसी तरह के नु’कसान की खबर सामने नहीं आयी है। आज ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकं’प के झ’टके (Bhukamp ke Jhatke) महसूस किए गये हैं। यहां भूकं’प की तीव्रता 4.4 थी।
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लगातार झ’टकों से द’हश’त में लोग
गौरतलब है कि नेपाल में बीते कुछ महीनों से लगातार भूकं’प के झ’टके (Bhukamp ke Jhatke) महसूस किए जाते रहे हैं। इससे पहले 24 जनवरी को भी नेपाल में भूकं’प आया था और रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.8 थी। इसकी वजह से नेपाल के दोती जिले में एक घर गि’र गया था, जिसमे कम-से-कम 6 लोगों की मौ’त हो गई थी।
ड’र के सा’ये में पूरी दुनिया
विदित है कि तुर्की और सीरिया में आए भूकं’प (Bhukamp ke Jhatke) के बाद पूरी दुनिया द’हश’त में है। भारत के भी कई राज्यों में बीते कुछ महीनों से भूकं’प के झ’टके महसूस किए जा रहे हैं। थोड़े दिनों पहले ही गुजरात के कच्छ, सिक्किम, असम और दिल्ली में भूकं’प के ते’ज झ’टके महसूस किए गये थे।
कैसे आता है भूकंप?
विशेषज्ञों की माने तो भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का चकराना है। दरअसल, पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटें होती है, जो लगातार घूमती रहती है लेकिन जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बनता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं।
सतह के कोने मुड़ जाने के बाद वहां प्रेशर बनता है और प्लेट्स टूटने लगती है। इनके टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती हैं, जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहा जाता है।